ज्योतिषाचार्य डॉक्टर अनिल तिवारी जी द्वारा –
शनिदेव का देवगुरु बृहस्पति की मीन राशि में लगभग 30 सालों बाद प्रवेश कल, कल यानि 29 मार्च बेहद खास होने वाला है, इस साल (2025) का पहल सूर्य ग्रहण भी कल है और शनि अमावस्या का संयोग भी ऐसे में शनिदेव की पूजा बेहद जरूरी हो जाती है



क्या होगा परिवर्तन ?
न्याय दण्ड एवं धर्म के पालक शनिदेव 29 मार्च शनिवार को रात्रि 9.41 बजे कुम्भ राशि से मीन राशि मे प्रवेश करेगें, उस समय चन्द्र देव रेवती नक्षत्र मीन राशि मे भ्रमण करेगे शनिदेव, मुख्यत पुर्वा भाद्रपद एवं उतराभाद्रपद नक्षत्र एवं मीन राशि में ही गोचर करगें।
इस अवधि में 28 अप्रेल को सुबह 6.17 बजे उतराभाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश करेगें, 13 जुलाई को सुबह 9.37 बजे वक्री होगें, 3 अक्टूबर को मध्य रात्रि 1.46 बजे पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश कर 28 नवम्बर 2025 को सुबह 9.20 पर मार्गी होंगे एवं 20जनवरी 2026 को सुबह 10.46 बजे उतराभाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश करेगें, शनिदेव गोचर में वक्री होकर संचार करते है तो अशुभ फल दायक हो जाते है।
गोचर में शनिदेव के साथ मीन राशि में सुर्य बुध शुक्र चन्द राहू गोचर कर रहे है, जो अपने अपने क्षेत्र के लिये सम्पर्क कर योजनाओं को सफल करने की मंत्रणा कर रहे है, देव गुरु बृहस्पति जी दैत्य गुरू शुक्र की वृष राशि में विचरण कर रहे है, दैत्य गुरु शुक्र एवं देव गुरू बृहस्पति का राशि परिवर्तन योग देश एवं जनता के लिये नये आयाम विकास कार्य योजना बनायेगें।

गोचर वश शनि जब जन्म राशि से 4.8 स्थान पर सचरण करता है, तब शनि की ढैया में जातक को दौड़धूप अनावश्यक खर्चा धन हानि बाधाये विरोध रहता है, कर्क एवं वृश्चिक राशि वालों को अशुभ प्रभाव रहेगा।
शनि के मीन राशि में प्रवेश से कुछ राशियों के लिए आर्थिक चुनौतियां बढ़ सकती हैं । इस दौरान मेष, कुंभ और मीन राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव रहेगा। चूंकि मेष राशि के जातकों पर शनि की साढ़े साती का प्रथम चरण होगा इसलिए मेष राशि के जातकों को आमदनी में भी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। साथ ही कुंभ, सिंह और मीन राशि के जातकों को भी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है।
किस जातक को कैसे फल मिलेंगे ?
निम्न पाद राशि अनुसार शनि फल – चन्द्रमा से 1.6.11 भाव स्वर्ण पाद वृष तुला, मीन राशि
इसमें जातक को परिवार में कलेश, संघर्ष व्यवससाय में हानि शत्रु भय मानसिक तनाव आदि रहता है।
रजत पाद राशि अनुसार शनि फल – 2.5.9 कर्क, वृश्चिक कुम्भ राशि प्रयासों का परिणाम मिलता है। आकस्मिक धन लाभ भुमि वाहन लाभ व्यापार में नौकरी में लाभ।
ताम्बा के पाया – 3.7.10 मिथुन कन्या मकर व्यापार नोकरी में उन्नति भौतिक सुखों की प्राप्ति यात्राये मंगलमय।
लोहै के पाया – 4.8.12मेष सिह धनु स्वास्थ्य कमजोर दुर्घटना चोट धन हानि।

शनि उपाय, शनिवार को पीपल पर तेल का दीपक जलाये शनिवार मगलवार को बंदरों को गुड़ चना खिलाये।
असहाय गरीबों को खाना खिलाये कपड़े दे। साथ ही शनि की साढ़े साती से बचने के लिए करें इन मंत्रों का जाप : –
शनि बीज मंत्र
ॐ प्रां प्रीं प्रों स: शनैश्चराय नमः ।।
शनि स्तोत्र
ॐ नीलांजन समाभासं रवि पुत्रं यमाग्रजम ।
छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम ।।
शनि गायत्री मंत्र
ॐ शनैश्चराय विदमहे छायापुत्राय धीमहि ।
शनि पीड़ाहर स्तोत्र
सुर्यपुत्रो दीर्घदेहो विशालाक्ष: शिवप्रिय: ।
दीर्घचार: प्रसन्नात्मा पीडां हरतु मे शनि: ।।
तन्नो मंद: प्रचोदयात ।।
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