छत्तीसगढ़ शराब घोटाले के आरोप में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को 7 दिन की रिमांड के बाद आज ED ने उन्हें कोर्ट में पेश किया, जिसके बाद न्यायालय ने लखमा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया ।

छत्तीसगढ़ के कथित शराब घोटाला में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को 14 दिनों के लिए ज्यूडीशियल रिमांड पर जेल भेजे गए हैं. इससे पहले कवासी लखमा को मंगलवार को ईडी ने कोर्ट में पेश किया. जिसके बाद उन्हें 4 फरवरी तक जेल में रहना होगा. आपको बता दें कि ईडी ने 15 जनवरी को शराब घोटाले मामले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को पूछताछ के लिए बुलाया था.
इस मामले में उनके सीए को भी ईडी ने तलब किया था.लेकिन कवासी लखमा अपने सीए के साथ नहीं पहुंचे.जो जानकारी कवासी लखमा ने ईडी के अधिकारियों को दी उससे टीम संतुष्ट नहीं हुई.वहीं सीए के नहीं आने पर ईडी को लेनदेन से जुड़ी कई जानकारियां नहीं मिली,जिसके बाद कवासी लखमा की गिरफ्तारी की गई. पहले 15 जनवरी से लेकर 21 जनवरी तक कवासी लखमा को ईडी की रिमांड पर थे. जिन्हें मंगलवार को फिर से कोर्ट में पेश किया गया था.

कब हुआ शराब घोटाला ?
ईडी के अनुसार, राज्य में कथित शराब घोटाला 2019-22 के बीच किया गया था, जब छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार का शासन था. कोंटा (सुकमा जिला) से छह बार विधायक रहे लखमा उस समय आबकारी मंत्री थे. एजेंसी ने पहले दावा किया था, “छत्तीसगढ़ शराब घोटाले के कारण राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ और शराब सिंडिकेट के लाभार्थियों की जेब में 2100 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध आय गई.”
शराब घोटाले में ईडी की जांच में क्या आया ?
छत्तीसगढ़ शराब घोटाले पर ईडी ने जांच में कई बड़े दावे किए हैं. ईडी ने जांच के आधार पर दावा किया है कि इसमें 2161 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है. इस पूरे केस में आईएएस अनिल टुटेजा , आबकारी विभाग के तत्कालीन एमडी एपी त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के शामिल होने की बात सामने आई है. ईडी का दावा है कि तीनों ने अवैध सिंडिकेट के जरिए शराब घोटाले को अंजाम दिया. इस घोटाले में शासन को करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ है.
कैसे आया कवासी लखमा का नाम
इस खुलासे के बाद ईडी ने एक्शन लिया और अनिल टुटेजा ,अनवर ढेबर और एपी त्रिपाठी को गिरफ्तार कर लिया. अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर और एपी त्रिपाठी से जब पूछताछ की गई तो इस केस में कवासी लखमा का नाम आया. उसके बाद ईडी ने कवासी लखमा के घर पर 28 दिसंबर 2024 को रेड मारी. कवासी लखमा के साथ उनके बेटे हरीश लखमा से भी पूछताछ हुई. 15 जनवरी 2025 को ईडी ने कवासी लखमा गिरफ्तार कर लिया.
कुल कितने का है शराब घोटाला ?
ईडी के दावे के मुताबिक यह शराब घोटाला करीब 2161 करोड़ रुपये का है. ईडी ने जांच में ये भी दावा किया है कि यह घोटाला एक सिंडिकेट के तहत हुआ है. शराब घोटाले का कमीशन कई लोगों को बांटा जाता था. यह कमीशन हर महीने ट्रांसफर होता था. साल 2019 से साल 2022 तक शराब घोटाले के जरिए अवैध कमाई हुई है.
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