वित्तीय सलाह : अगर आपने भी वित्तीय वर्ष में सम्पत्ति का क्रय-विक्रय किया है तो इस जानकारी को अपने आयकर विवरणी के अंतर्गत पूंजीगत लाभ (Capital Gain) को बताना जरूरी है.
बहुत से करदाताओं में यह उधेड़बुन बनी रहती है कि हमने सम्पत्ति के लेन देन में कितना कमाया और उस पर टैक्स कितना देना होगा ? साथ ही टैक्स में बचत करने के क्या उपाय है ?
माई के कोरा न्यूज ने आपकी इस समस्या के समाधान के लिए इस विषय को विस्तार से आप तक पहुंचाने का प्रयास किया है जो तीन अंको में प्रकाशित होगा।
आईये आज हम जानते है कि पूँजीगत लाभ कहते किसे है और अल्पकालिक पूंजीगत लाभ (Sort Term Capital Gain) जानने का तरीका और उस पर लगने वाला टैक्स का कितना होगा ?



पूंजीगत लाभ (Capital Gain)
किसी पूंजीगत संपत्ति, जैसे कि जमीन- मकान, शेयर या बॉन्ड की बिक्री से प्राप्त होने वाला लाभ है।
संपत्ति के क्रय मूल्य और विक्रय मूल्य के बीच का अंतर ही पूंजीगत लाभ अथवा हानि होता है । यदि विक्रय मूल्य, क्रय मूल्य से अधिक है, तो उस अंतर को पूंजीगत लाभ और यदि विक्रय मूल्य, क्रय मूल्य से कम है, तो उस अंतर को पूंजीगत हानि कहते हैं।
पूंजीगत लाभ दो प्रकार के होते हैं :
- अल्पकालिक पूंजीगत लाभ (Short Term Capital Gain – STCG)
- दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (Long Term Capital Gain – LTCG)
अगर कोई सम्पत्ति खरीदने के बाद नीचे दिए गए समय से पहले बेच दी गई है तो उसे अल्पकालिक पूंजीगत लाभ (STCG) माना जाता है –
अचल संपत्ति: 24 महीने के अंदर
सूचीबद्ध इक्विटी शेयर: 12 महीने के अंदर
गैर-सूचीबद्ध शेयर: 24 महीने के अंदर
इक्विटी म्यूचुअल फंड: 12 महीने के अंदर
डेट म्यूचुअल फंड: 36 महीने के अंदर

अल्पकालिक पूंजीगत लाभ (STCG) पर कर (Tax) का आंकलन दो प्रकार से होता है –
जब प्रतिभूति लेनदेन कर (Security Transaction Tax) लागू नहीं होता है – एसटीसीजी को करदाता के आय में जोड़ा जाता है और व्यक्ति पर उसके आयकर स्लैब के अनुसार कर लगाया जाता है
जब प्रतिभूति लेनदेन कर (STT) लागू होता है – कर 15% की दर से लगाया जाता है।
अल्पकालिक पूंजीगत लाभ का फॉर्मूला
अल्पकालिक पूंजीगत लाभ = बिक्री मूल्य – (अधिग्रहण की लागत + हस्तांतरण की लागत + सुधार की लागत)
बिक्री मूल्य: वह मूल्य जिस पर संपत्ति बेची गई थी।
अधिग्रहण की लागत: संपत्ति को प्राप्त करने की लागत, जिसमें ब्रोकरेज शुल्क या स्टांप ड्यूटी जैसे खरीद से संबंधित कोई भी खर्च शामिल है।
हस्तांतरण की लागत: संपत्ति के हस्तांतरण के संबंध में होने वाली लागत, जैसे कानूनी शुल्क या पंजीकरण शुल्क।
सुधार की लागत: संपत्ति के सुधार के लिए किए गए कोई भी खर्च, जैसे मरम्मत या नवीनीकरण।

अगले अंक में हम दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर चर्चा करेंगे …..
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