भारत सरकार ने फुलवामा में हुए पाकिस्तान द्वारा नियोजित आतंकी हमले के बाद कड़ा रुख दिखाते हुए कल 5 बड़े फैसले लिए –



- भारत-पाकिस्तान के बीच 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित
- अटारी चेक पोस्ट बंद वैध अनुमति के साथ जो लोग इस रास्ते से भारत आए हैं, उन्हें 01 मई से पहले इसी रास्ते से वापस जाना होगा।
- पाकिस्तानी नागरिकों को अब SAARC वीज़ा छूट योजना (SVES) के तहत भारत यात्रा की इजाजत नहीं दी जाएगी। पहले जारी ये सभी वीज़ा निरस्त माने जाएंगे। अभी इस SVES वीज़ा पर भारत में रह रहे हर पाकिस्तानी नागरिक को 48 घंटों के भीतर भारत छोड़ना होगा।
- नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा/सेना, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों को ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित कर उन्हें भारत छोड़ने के लिए एक हफ्ते का वक्त दिया गया है, साथ ही भारत इस्लामाबाद स्थित अपने उच्चायोग से भी रक्षा/नौसेना/वायुसेना सलाहकारों को वापस बुलाएगा। दोनों उच्चायोगों में ये पद अब निरस्त माने जाएंगे। सेवा सलाहकारों के पांच सहायक कर्मचारी भी दोनों उच्चायोगों से वापस बुलाए जाएंगे।
- दोनों उच्चायोगों में कर्मचारियों की कुल संख्या को 1 मई से पहले मौजूदा 55 से घटाकर 30 किया जाएगा |
अब जानिए इन फैसलों का पाकिस्तान पर क्या होगा असर
- भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में सिंधु नदी के जल को लेकर समझोता हुआ था, जिसके तहत सिंधु नदी का 47 प्रतिशत पानी पाकिस्तान को 39 प्रतिशत भारत को 8 प्रतिशत चीन को तो 6 प्रतिशत अफगानिस्तान को मिलता था,
पाकिस्तान इस पानी का उपयोग बिजली बनाने और खेती करने के लिए लेता आया है , पाकिस्तान में 47 मिलियन एकड़ से अधिक भूमि (पाकिस्तान की लगभग 80% खेती भूमि) की सिंचाई सिंधु जल समझोते पर निर्भर है। पानी की आपूर्ति रोकने से पाकिस्तान के पंजाब और सिंध प्रांतों में कृषि उत्पादन, विशेष रूप से गेहूं और चावल, पर गंभीर असर पड़ेगा, जिससे पहले से भुखमरी की मार झेल रहे पाकिस्तान में खाद्य संकट और आर्थिक अस्थिरता बढ़ सकती है, साथ ही पानी रोके जाने के बाद पाकिस्तान के तरबेला और मंगला जैसे पावर प्रोजेक्ट ठप पड़ने वाले है जिससे पाकिस्तान के कई हिस्सों में अंधेरा होना तय है |

- अटारी-वाघा सीमा भारत-पाकिस्तान के बीच सीमित व्यापार का प्रमुख केंद्र है। इसे बंद करने से पाकिस्तान का भारत के साथ आयात-निर्यात, विशेष रूप से कृषि और कपड़ा उत्पादों का व्यापार, प्रभावित होगा। इससे पाकिस्तान की पहले से कमजोर अर्थव्यवस्था पर और बोझ पड़ेगा |
- SVES वीजा रद्द होने से पाकिस्तान का सार्क में प्रभाव कमजोर हो जाएगा और भारत में पाकिस्तानी घुसपेठ पर भी लगाम लगेगी, पाकिस्तानी नागरिकों का वीजा रद्द कर भारत ने पाकिस्तान समेत पूरे विश्व को कड़ा संदेश दिया है कि अब भारत आतंकवाद के खिलाफ जीरो टोलरेनसे नीति पर काम करेगा |
- पाकिस्तानी रक्षा सलाहकारों को निष्कासित करना और भारत के रक्षा सलाहकारों को वापस बुलाना दोनों देशों के बीच सैन्य और कूटनीतिक संबंधों को न्यूनतम स्तर पर ला देगा। यह पाकिस्तान को वैश्विक मंच पर अलग-थलग करने की भारत की रणनीति का हिस्सा है, पाकिस्तान पर यह एक कूटनीतिक दबाव है |
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