mahakumbh 2025 : कुंभ मेला बहुसंख्यक हिन्दुओं की आस्था का प्रतीक है. ऐसी मान्यता है कि कुंभ में संगम तट पर स्नान करने से मोक्ष मिलता है. कुंभ का आयोजन हरिद्वार, उज्जैन, प्रयागराज और नासिक में होता है. कुंभ मेले तीन प्रकार के होते हैं- महाकुंभ, पूर्णकुंभ और अर्धकुंभ.



महाकुंभ को केवल प्रयागराज में ही आयोजित में किया जाता है. प्रयागराज में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का पवित्र संगम होने के कारण इसका अलग धार्मिक महत्व है. mahakumbh 2025
वहीं कुंभ का आयोजन हर 12 साल में चार बार क्रमिक रूप से हरिद्वार, उज्जैन, नासिक और प्रयागराज में होता है. महाकुंभ का आयोजन 13 जनवरी से 26 फ़रवरी के बीच उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में होगा. इससे पहले साल 2019 में अर्धकुंभ और साल 2013 में पूर्णकुंभ का आयोजन प्रयागराज में किया गया था. mahakumbh 2025

इसलिए और यहाँ मनाया जाता है कुंभ- mahakumbh 2025
कुंभ मेले के पीछे हिंदू धर्म की पौराणिक कहानी है. इसके मुताबिक़ समुद्र मंथन के दौरान जब राक्षसों और देवताओं के बीच अमृत को लेकर संघर्ष हुआ था. इस संघर्ष के दौरान अमृत की कुछ बूंदें प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक और उज्जैन में गिरी थीं. यही कारण है कि कुंभ का आयोजन सिर्फ़ इन चार स्थानों पर किया जाता है.
पौराणिक मान्यता यह भी है कि अमृत से भरे कलश को स्वर्ग पहुंचने में 12 दिन लगे थे और देवताओं का एक दिन पृथ्वी के एक साल के बराबर होता है, यही वजह है कि पूर्ण कुंभ को हर 12 साल में आयोजित किया जाता है.
महाकुंभ को प्रयागराज के संगम तट पर आयोजित किया जाता है, क्योंकि यहां पर गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियों का संगम होता है. हिंदू धर्म में संगम का यह स्थान पवित्र माना जाता है. mahakumbh 2025
शाही स्नान और इसका महत्व क्या है?

कुंभ में शाही स्नान का ख़ास महत्व है. शाही स्नान को ‘राजयोग स्नान’ भी कहा जाता है. महाकुंभ मेला सबसे प्रमुख धार्मिक अनुष्ठान हैं. इस साल होने वाले महाकुंभ में तीन शाही स्नानों का आयोजन किया जाएगा.
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- पहला शाही स्नान 14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन आयोजित किया जाएगा.
- दूसरा शाही स्नान 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के मौके पर होगा.
- तीसरा शाही स्नान 3 फ़रवरी को बसंत पंचमी के दिन आयोजित होगा. इन दिनों के अलावा भी कुंभ में हर दिन स्नान होता है.
- माना जाता है कि शाही स्नान की शुरुआत 14वीं से 16वीं सदी के बीच हुई थी.तब मुग़ल शासक भारत में अपनी जड़ें जमाने लग गए थे. दोनों का धर्म अलग-अलग होने की वजह से साधुओं की इन शासकों के साथ संघर्ष की स्थिति बनने लगी थी. ऐसे ही किसी संघर्ष के बाद कभी दोनों धर्मों के लोगों की बैठक हुई और यह तय हुआ कि दोनों धर्म के लोग एक-दूसरे के धार्मिक आयोजन में दख़ल नहीं देंगे.
बहरहाल, इसके बाद साधुओं को सम्मान देने के लिए कुंभ के दौरान उनको विशेष अनुभव करवाने के मकसद से हाथी, घोड़ों पर बैठकर उनकी पेशवाई निकाली जाने लगी.
स्नान के दौरान साधुओं का ठाठ-बाट राजाओं जैसा होता था, इस वजह से उनके स्नान को शाही स्नान कहा जाता है. तभी से शाही स्नान की परंपरा चली आ रही है. शाही स्नान में सबसे पहले नागा साधु (निर्वस्त्र साधु) स्नान करते हैं. उनके बाद महामंडलेश्वर और अन्य साधु स्नान करते हैं. श्रद्धालु शाही स्नान के बाद पवित्र नदी में स्नान करते हैं.
कैसे पहुंच सकते हैं प्रयागराज- mahakumbh 2025
- महाकुंभ का आयोजन उत्तर प्रदेश के प्रयागराज शहर में किया जा रहा है. प्रयागराज में रेल, बस और फ्लाइट के ज़रिए पहुंचा जा सकता है.
- इस दौरान कुल 13,000 ट्रेनों का संचालन किया जाएगा. महाकुंभ के लिए भारतीय रेलवे ने मेगा रेलवे प्रोजेक्ट के तहत 4500 करोड़ रुपए खर्च करने का एलान किया है.
- महाकुंभ के लिए रेलवे ने तीन हज़ार स्पेशल ट्रेन चलाने की घोषणा की है और मौनी अमावस्या के दिन अलग से 300 ट्रेनें चलाई जाएंगी.
- प्रयागराज के रेलवे स्टेशन पर क्यूआर कोड की जैकेट पहने हुए रेलवे के कर्मचारी तैनात किए गए है.
- रेलवे कर्मचारियों की जैकेट में लगे क्यूआर कोड को अपने मोबाइल से स्कैन करके लोग यूटीएस ऐप डाउनलोड करके डिजिटल टिकट बुक कर सकते हैं.
- यूपी रोडवेज भी लगभग 7000 बसों की सुविधा उपलब्ध कराने जा रहा है.
- महाकुंभ मेला सिटी से सबसे पास प्रयागराज बमरौली एयरपोर्ट है, जो कि महाकुंभ मेला सिटी से 22 किलोमीटर की दूरी पर है.
- एयरलाइंस एलायंस एयर दिल्ली के अलावा भुवनेश्वर, गुवाहाटी, चंडीगढ़, जयपुर और देहरादून से प्रयागराज के लिए फ्लाइट चलाएगी.
महाकुंभ में स्वास्थ्य सेवाएं- mahakumbh 2025
- यूपी सरकार ने महाकुंभ में लोगों की स्वास्थ्य सेवाओं के लिए केंद्रीय पैथोलॉजी तैयार की है.
- श्रद्धालुओं और साधु-संतों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए पूरे मेला क्षेत्र में कई अस्पताल तैयार किए जा रहे हैं. इन अस्पतालों में डॉक्टरों की तैनाती की जा रही है.
- प्रयागराज के सभी रेलवे स्टेशनों पर 24 घंटे एंबुलेंस की सुविधा की विशेष व्यवस्था की गई है.
- सेंट्रल हॉस्पिटल की ज़िम्मेदारी संभाल रहे वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर गौरव दुबे ने आर्मी और मेदांता हॉस्पिटल के साथ मिलकर श्रद्धालुओं की ज़रूरत के हिसाब से कुंभ में स्वास्थ्य सेवाओं का खाका तैयार किया है.
- सेंट्रल हॉस्पिटल में आपात स्थितियों के लिए हर तरह की आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. इसके लिए सभी ज़रूरी मशीनें स्थापित की जा चुकी हैं.

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